» » आखिर क्यों जरूरत आ पड़ी 'प्राइमरी के मास्टर' की इस दुनिया की?

प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम की इस विशाल छतरी में आप सब यह सोच के हैरान हो सकते हैं, कि आखिर इसकी जरूरत क्यों आ पड़ी?  क्या होगा इस नई दुनिया में? क्या उसी पुरानी परिधि मे यह सब संभव नहीं था?  ऐसे कई प्रश्न उठ सकते हैं,  और उठने भी चाहिए।

'प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम' की छतरी के तले यह नई दुनिया बनी है, सीखने सिखाने की बातें करने के लिए, चर्चा करने के लिए, इसको समझने के लिए कि शिक्षण की दुनिया में देश दुनिया मे क्या हो रहा? क्या हम कम संसाधनों मे कुछ नया और स्तरीय कर सकते हैं? शिक्षण मे बारंबार प्रयासों और उनके नवीनीकृत रूपों का बहुत महत्व है। ऐसे प्रयास कई बार असफल होने की स्थिति मे खीज और उबाऊपन भी पैदा करते हैं। लेकिन अब इस दुनिया के माध्यम से शिक्षण की समस्याओं  को जहां एक दूसरे के साथ साझा करेंगे वहीं कोशिश होगी कि जो गंभीर प्रयास एक विद्यालय मे हो रहें हैं, उनकी खुशबू और उसका असर दूसरे विद्यालयों तक भी पहुँचें, वहाँ कार्यरत शिक्षक साथियों तक भी पहुँचें।

आप सब के प्रयास  ही हैं कि सोशल मीडिया का जब अधिकांश प्रयोक्ता दुनिया मे भौतिकवाद से जुड़े माध्यमों, व्यसनों मे संलग्न है और उसके ही प्रचार प्रसार मे लगा हुआ है, उसी के समय और उसी के दयरे मे हमारे प्राथमिक शिक्षक सीखें सिखाने की बातों को लेकर सोशल मीडिया मे एक दूसरे से आदान प्रदान कर रहें हैं। तो चलिये चलते हैं इस दुनिया मे कदम रखने के लिए .....

About प्रवीण त्रिवेदी

Hi there! I am Hung Duy and I am a true enthusiast in the areas of SEO and web design. In my personal life I spend time on photography, mountain climbing, snorkeling and dirt bike riding.
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