अच्छी खबर। इसे पढ़कर साथियों में चर्चा की। मैंने अपना पक्ष कुछ यूँ रखा। सर्व स्वीकार्य कथन : "चौंकने से ज़्यादा सीखते हैं बच्चे।" चर्चा योग्य विषय 'तेज़ी से सीखने के अन्य कारण भी हैं।" जैसे "बच्चा डर से सीखता है।" - किसी के द्वारा बाध्य किये जाने पर - किसी व्यक्ति या स्थिति के दबाव में - कोई जरूरत महसूस कराकर - भविष्य के संभावित खतरों को बताकर 'डर' से या तो एकदम सीख लेगा या फिर गलती करेगा। 'गलती' के बाद या तो 'क्षमता विशेष' में कमी सुधार कर वह दक्ष होगा अन्यथा उसे यह सीख मिलेगी कि अभी किसी स्तर पर (रुचि, जिज्ञासा, साधन, समय, आयुपक्वता) न्यूनता है।
फ्लो चार्ट : डर > त्रुटि > अभ्यास > अनुभव > सीख (ज्ञान)
अच्छी खबर। इसे पढ़कर साथियों में चर्चा की। मैंने अपना पक्ष कुछ यूँ रखा।
ReplyDeleteसर्व स्वीकार्य कथन : "चौंकने से ज़्यादा सीखते हैं बच्चे।"
चर्चा योग्य विषय 'तेज़ी से सीखने के अन्य कारण भी हैं।" जैसे "बच्चा डर से सीखता है।"
- किसी के द्वारा बाध्य किये जाने पर
- किसी व्यक्ति या स्थिति के दबाव में
- कोई जरूरत महसूस कराकर
- भविष्य के संभावित खतरों को बताकर
'डर' से या तो एकदम सीख लेगा या फिर गलती करेगा।
'गलती' के बाद या तो 'क्षमता विशेष' में कमी सुधार कर वह दक्ष होगा अन्यथा उसे यह सीख मिलेगी कि अभी किसी स्तर पर (रुचि, जिज्ञासा, साधन, समय, आयुपक्वता) न्यूनता है।
फ्लो चार्ट :
डर > त्रुटि > अभ्यास > अनुभव > सीख (ज्ञान)